नोएडा और गाज़ियाबाद में राशन वितरण के लिए फेस रिकॉग्निशन सिस्टम लागू
उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा और गाज़ियाबाद समेत कई ज़िलों में राशन वितरण प्रणालीफेस रिकॉग्निशन तकनीकचेहरे की पहचान (Face Authentication)
फेस रिकॉग्निशन क्या है?
यह एक आधुनिक बायोमेट्रिक तकनीकफर्जी राशन कार्डडुप्लीकेट लाभार्थियों
किन जिलों में हुआ लागू?
- गाज़ियाबाद
- नोएडा (Gautam Buddh Nagar)
- लखनऊ
- कानपुर
- आगरा
लाभ क्या होंगे?
- राशन वितरण में पारदर्शिता
- फर्जी लाभार्थियों की पहचान
- तेज़ और डिजिटल प्रक्रिया
- बुजुर्गों के लिए आसान सत्यापन
क्या करना होगा लाभार्थियों को?
लाभार्थियों को अपने राशन कार्ड, आधार कार्डस्मार्टफोन या E-POS मशीन
योजना कब से लागू होगी?
उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि यह योजना 1 अगस्त 2025
सरकारी बयान:
खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारी के अनुसार: “फेस रिकॉग्निशन सिस्टम से वितरण व्यवस्था अधिक निष्पक्ष और वैज्ञानिक होगी, जिससे वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन मिलेगा।”
क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?
- इंटरनेट कनेक्शन की कमी वाले क्षेत्रों में कठिनाई
- तकनीकी ट्रेनिंग की जरूरत
- सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका
निष्कर्ष:
नोएडा और गाज़ियाबाद जैसे शहरी इलाकों में इस तकनीक के ज़रिए पारदर्शिता बढ़ेगी और असली ज़रूरतमंदों तक राशन पहुँचाना आसान होगा। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन सकता है जहां फुल फेस-बेस्ड राशन वितरण
क्या आपको यह नया सिस्टम सही लग रहा है? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएं।
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